कुमाऊँनी होली का गीत
भगवान विष्णु के वामन अवतार से जुड़ी हुई कहानी को होली के गीतों के रुप में लयबद्ध किया गया है।
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कुमाऊँनी होली ॥
धर वामन का भेष हरि तुम बली छलने को आए हो। छोटा रूप धाराधार अति सुंदर, गल बैजंती माल।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
लेकर गीता बगल दबाई, हाथ कमंडल लेय। लेकर गीता बगल दबाई, हाथ कमंडल लेय।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
सिर चंदन की कोर सुहाये, लंबी धोती बनाय। सिर चंदन की कोर सुहाये, लंबी धोती बनाय।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
चलत चलत तब यज्ञ में पहुंचे, रिसि- मुनि दर्शन पाए, चलत चलत तब यज्ञ में पहुंचे, रिसि- मुनि दर्शन पाए।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
राजा बलि को खबर गई जब, चरणों में गिर जाय। राजा बलि को खबर गई जब, चरणों में गिर जाय।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
धन्य भाग हैं आज हमारे, दर्शन देने आए। धन्य भाग हैं आज हमारे, दर्शन देने आए।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
जो आशा है पूरण कर दूं, मैं विप्रण को दास। जो आशा है पूरण कर दूं, मैं विप्रण को दास।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
तीन चरण धरती दे राजा, ता पर कुटिया बनाय, तीन चरण धरती दे राजा, ता पर कुटिया बनाय।
हरि तुम बली छलन को आए हो॥
रे वामन किस्मत को खोटो, यह क्यों मांगै दान, रे वामन किस्मत को खोटो, यह क्यों मांगै दान।
हरि तुम बली छलन को आए हो॥
दो चरण में राज्य को नापा, अब दे तीसरा पैग हरि, दो चरण में राज्य को नापा, अब दे तीसरा पैग हरि।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
तीसरा पैर धरो मेरे सिर में, क्षमा करो मोहे आज। तीसरा पैर धरो मेरे सिर में, क्षमा करो मोहे आज।
हरि तुम बली छलन को आए हो॥
पैर धरा जो सर में बली के, दीन्ह पाताल पठाय। पैर धरा जो सर में बली के, दीन्ह पाताल पठाय।
हरि तुम बली छलने को आए हो॥
दास नराचन आस चरण की, करियो मद से पार।दास नराचन आस चरण की, करियो मद से पार।
हरि तुम बली छलन को आए हो॥
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