जरुरतमंद महिला के घर की मरम्मत के लिए सोमेश्वर घाटी सेवा समूह ने जुटाए ₹42500
कहां जाता है कि ईश्वर हर किसी की मदद करने के लिए स्वयं नहीं आते, वो हर बार किसी न किसी को एक माध्यम बनाते हैं, जैसे उक्त मामले में आप सभी पाठक, दानदाता और सोमेश्वर घाटी सेवा समूह के सदस्य श्रीमती उमा देवी की मदद के लिए ईश्वर द्वारा भेजे गए माध्यम की भुमिका निभा रहे हैं।
जानिए पूरा मामला
अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर से सामने आया है जिसमें बरसात के इस मौसम में सोमेश्वर की ग्राम सभा लद्यूड़ा निवासी श्रीमती उमा देवी का घर क्षतिग्रस्त हो गया था, मकान की मरम्मत के लिए उन्होंने सरकार के दरवाजे खटखटाए परंतु सरकार द्वारा ₹6000 की राशि देकर पल्ला झाड़ लिया गया, आज के इस महंगाई के दौर में ये राशि ऊंट के मुंह में जीरा देने जैसी मदद है, उमा देवी ने परेशान होकर सोमेश्वर घाटी सेवा समूह के कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी से मदद हेतु सहायता एकत्रित करने के लिए कहा और राजेंद्र सिंह नेगी ने अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए अपनी एनजीओ (सोमेश्वर घाटी सेवा समूह) के माध्यम से मदद जुटना शुरू किया।
(जैसा की नीचे पोस्टर में आप देख ही सकते हैं)
देखते ही देखते मात्र दो दिनों में 42500 की राशि जमा हो गई, साथ ही कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने मदद स्वरूप सीमेंट, रेता इत्यादि देने का आश्वासन दिया तथा ग्रामीणों ने भी इस परेशानी की घड़ी में उनका सहयोग करने की बात कही।
NGO ने प्रत्यक्ष रूप से लगभग 30-35000 तक राशि जमा करने का लक्ष्य रखा था जोकि पूरा हो चुका था, जिसके चलते अब सोमेश्वर घाटी सेवा समूह ने मदद लेना बंद कर दिया है हालांकि ग्रामीण और अन्य लोग सीधी तरह से उनकी मदद अभी भी कर रहे हैं।
₹42500 का चैक पाकर भावुक हुई उमा देवी
जब सरकार ने मात्र 6000 की मदद कर अपना पल्ला झाड़ लिया ऐसे में एनजीओ ने जब उमा देवी को 42500 का चेक किया तो वह भावुक होती तथा सभी दंडातों का आभार कर ईश्वर का शुक्रिया अदा करने लगी
आपको बता दें कि उमा देवी के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनमें से एक बेटा कहीं रिश्तेदारी में पढ़ रहा है तथा दूसरी बेटी सोमेश्वर की ही एक स्कूल में पढ़ रही है, बच्चों के सिर से पहले ही पिता का साया उठ चुका है, इस बार की बारिश ने अपना कहर बरसाते हुए उनके घर के एक हिस्से को तबाह कर दिया, गनीमत रही कि इस दौरान किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, परंतु बहुत सारा सामान खराब हो गया और घर का एक हिस्सा टूट गया, मजबूरन गांव के ही किसी व्यक्ति के वहां उन्हें आसरा लेना पड़ा।
गांव में आज भी जिंदा है इंसानियत
बात अगर गांव की करें तो वहां आज भी इंसानियत जिंदा है, परेशान और दुखियारी व्यक्ति की मदद के लिए पूरा गांव एकत्रित हो जाता है, ऐसा ही लद्यूड़ा गांव में भी देखने को मिला है, उमा देवी के घर के क्षतिग्रस्त होते ही उन्हें गांव के ही किसी व्यक्ति ने अपने वहां रहने का आसरा दिया, जैसे ही गांव में लोगों को पता लगा कि उन्हें मदद की आवश्यकता है तो गांव के ज्यादातर लोगों ने उन तक अपने सामर्थ्य अनुसार मदद भी पहुंचाने का काम किया और घर बनाने में गांव के लोग शायद श्रमदान से भी उनका सहयोग करेंगे।
सोमेश्वर घाटी सेवा समूह ने विधायक और सांसद को पत्र लिखकर भी मदद की गुहार लगाई
आपको बता दे की सोमेश्वर घाटी सेवा समूह ने सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से चंदा जमा करके ही उनकी मदद नहीं द्वारा विधायक श्रीमती रेखा आर्य और सांसद श्री अजय टम्टा जी को पत्र लिखकर उमा देवी की मदद करने के लिए गुहार भी लगाय।
सोमेश्वर घाटी सेवा समूह ने डिजिटल माध्यम से सीधे व्हाट्सएप पर तथा एक्स (ट्वीटर) के माध्यम से उन्हें लेटर पैड में पत्र लिखकर भेजा ताकि जनप्रतिनिधि लोग भी इसमें कुछ सहयोग कर सके और उन्हें भरोसा है कि विधायक और सांसद इस मामले में जरूर कुछ न कुछ सहयोग अवश्य करेंगे।।
दानदाताओं का सोमेश्वर घाटी सेवा समूह ने किया आभार व्यक्त
सोमेश्वर घाटी सेवा समूह उन सभी दानदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता है जिन्होंने अपने सामर्थ्य अनुसार इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी निभाई, चाहे वो मदद ₹51 की रही हो या फिर ₹5000 की हमारे लिए सभी दानदाता महत्वपूर्ण हैं और आप सभी के सहयोग के बिना यह लक्ष्य कभी प्राप्त नहीं हो पाता, भगवान आपको वह आपके परिवार जनों को हमेशा खुश रखें ।
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