इंटरव्यू समाप्ति की घोषणा
पुष्कर धामी जी की घोषणा ग्रुप C के इंटरव्यू समाप्त और ग्रुप B और उसके ऊपर की पोस्टों पर इंटरव्यू से चयनित होने वाली प्रक्रिया को भी दुरुस्त करते हुए उसमें सुधार करने की बात कही गयी। जिसमें युवाओं को उम्मीद दी जा रही है या उम्मीदों का सब्ज़बाग ये तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा लेकिन कुछ सवाल हैं जो युवाओं को अब भी परेशान किये हुए है? जहाँ एक ओर ग्रुप C में तो इंटरव्यू ख़त्म किया जा रहा है वहीं ग्रुप A जैसी हायर एजुकेशन की तैयारी में लगे युवाओं को सीधे प्रतियोगिता से ही बाहर कर दिया जा रहा है API के माध्यम से। यानी कोई लिखित परीक्षा नहीं सिर्फ़ और सिर्फ़ इंटरव्यू, जिससे चयनित होकर आप महाविद्यालय में पढ़ाने के योग्य हो जायेंगे। और साक्षात्कार में कितनी पारदर्शिता रहती है ये हम सब देख ही चुके हैं। (इंटरव्यू समाप्ति की घोषणा)
क्या है API?
API यानी ACADEMIC PERFORMANCE INDICATOR जो आपके एकेडमिक परफॉमेंस को इंडिकेट करता है यानी BA से लेकर MA, MPhil से लेकर Phd आदि इन डिग्रियों से प्राप्त श्रेणी के आधार पर आपको इसमें नंबर दिये जाते हैं। हालाँकि जहाँ एक और खुद प्रधानमंत्री नंबरों से योग्यता आँकने को गलत मानते हैं लेकिन वहीं यहाँ नंबरों से आपकी योग्यता पर ठप्पा लगाया जा रहा है।
इसको ऐसे समझिए कि कोई व्यक्ति जहाँ BA में प्रथम श्रेणी में पास नहीं हो पाया या द्वितीय श्रेणी में उसके नंबर 55% के आस पास हैं तो API में उसे 25 में से मात्र 10 नंबर मिलते हैं, भले ही उसके बाद उसने Net, Set, Jrf सब निकाला हुआ हो लेकिन तब भी उसकी BA की परफॉर्मेंस को देखते हुए उसे 10 नंबर ही दिये जायेंगे। आगे बढ़ेंगे तो यही सब आप को MA में भी देखने को मिलेगा।
जहाँ पूरी शिक्षित बिरादरी नम्बरों से किसी की योग्यता को तय करना अनुचित मानता है वहीं यहाँ पर ये भेदभाव खुले आम हो रहा है। ख़ैर ये सब UGC ने तय किया है तो उसी के हिसाब से ये नंबर दिए जाते हैं। लेकिन इसमें सवाल यहाँ पर फँसता है जहाँ PHD पूरी करने वाले को 25 नम्बर प्राप्त होने से वो इंटरव्यू के लिए चयनित हो जाता है वहीं दूसरी ओर Net, Set, Jrf निकालकर Phd में एनरॉल हुए युवा को महज 8 से 10 नम्बर मिलने के कारण वो पूरी प्रतियोगिता से ही बाहर हो जाता है।
युवाओं की माँग
जहाँ एक ओर अधिकांश राज्य(उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड आदि) आज भी इस परीक्षा को लिखित रूप में सकुशल ढंग से करवा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हम युवाओं की बात करते हुए उन्हें इस पूरी प्रतियोगिता से ही बाहर कर दे रहे हैं।युवा वर्ग न जाने कितने माध्यमों से अपनी बात को शिक्षा मंत्री के सामने रख रहे हैं लेकिन मंत्री जी हैं कि सुनने को तैयार ही नहीं, उत्तराखंड का अधिकांश युवा आज भी इस परीक्षा को लिखित माध्यम से करवाने की माँग कर रहा है।
निष्कर्ष (इंटरव्यू समाप्ति की घोषणा)
बिना लिखित परीक्षा के केवल साक्षात्कार के माध्यम से चयनित होना वो भी अधिकांश युवाओं को बगैर किसी परीक्षा में सम्मलित किये, उनका सही आँकलन किये बिना इस तरह भेदभाव-पूर्ण ढंग से बाहर किया जाना कितना उचित है और कितना पारदर्शी ये हम सब जानते हैं। आज मुख्यमंत्री जी की घोषणा से युवाओं ने फिर एक उम्मीद बाँध ली है शायद इस बार उनकी समस्याओं का पक्का हल निकले। युवा अपने युवा मुख्यमंत्री से इस बार उम्मीद ही नहीं परिणाम भी चाह रहा है, अब ये आने वाला वक़्त ही बतायेगा कि उसे परिणाम मिलता है या घोषणाओं का सब्ज़बाग।
नोट – यह सटीक जानकरियों सहित शानदार लेख सोमेश्वर निवासी श्री चेतन जोशी जी द्वारा लिखा गया है
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