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पहाड़ों में बारिश और ओलावृष्टि

पहाड़ों में बारिश

पहाड़ों में बारिश से बढ़ने लगी ठंड

होली के समापन के साथ ही पहाड़ों में मौसम ने करवट बदल ली है, बुधवार शाम के समय अचानक मौसम बदलने से पहाड़ों में दिसंबर – जनवरी वाली ठंड मार्च के महीने में महसूस होने लगी है।। कहीं-कहीं पर बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है जिससे ठंड बहुत बढ गई है, महीने भर से टीशर्ट में घूम रहे लोगों ने फिर से जैकेट का सहारा लिया है।

पहाड़ों में बारिश ईश्वर का आशीर्वाद

पिछले कई महीनों से बारिश का न होना कई मायनों में नुकसानदायक बताया जा रहा था, क्योंकि इस साल बर्फबारी भी नहीं हुई और न ढंग की बारिश हुई।
जिसको लेकर पर्यावरणविदों ने पहले ही चिंता जाहिर कर दी थी।
गेहूं की फसल के लिए उपर्युक्त नमी नहीं मिलने से किसान भी परेशान थे, ऐसे में बारिश का होना एक प्रकार से ईश्वर का आशीर्वाद समझा जा रहा है।

ओलावृष्टि है नुकसान

इस वक्त बारिश का होना जितना लाभदायक माना जा रहा है ओलावृष्टि का होना उतना ही नुकसानदायक भी माना जा रहा है, क्योंकि आजकल फलों के पेड़ में फूल आने का वक्त है ऐसे में ओलावृष्टि का होना इन फूलों के लिए घातक है और अगर फूल ही नहीं रहेंगे तो फल कैसे लगेंगे?

इस ठंड से बचना जरूरी

पिछले एक-डेढ महीने से अचानक गर्मी बढने से लोगों ने गर्म कपड़े संभाल कर टीशर्ट इत्यादि में घूमना शुरू कर दिया था लेकिन पहाड़ों में हुई इस बारिश और ओलावृष्टि ने अचानक ठंड बढा दी है।

अगर स्वस्थ रहना हैं तो इस ठंड से बचना जरूरी है क्योंकि ये मौसम परिवर्तन अपने साथ कई सारी बिमारियां भी लेकर आएगा, इसलिए सावधान रहें और अपना ध्यान रखें।

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error: थोड़ी लिखने की मेहनत भी कर लो, खाली कापी पेस्ट के लेखक बन रहे हो!