Headline

मुख्यमंत्री की आभार रैली में बेरोजगारों की फ़ौज

मुख्यमंत्री कीआभार रैली में बेरोजगारों की फ़ौज

मुख्यमंत्री के लिए आभार रैली

आज हम बात करेंगे उत्तराखंड में हो रहे आभार रैली की, जी हाँ साथियों ये वही रैली है जो मुख्यमंत्री धामी जी द्वारा अपने ही सम्मान में करवाई जा रही है। लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि यहां किस चीज का आभार व्यक्त किया जा रहा है? छात्रों पर लाठी बरसाने का, उनपर झूठे मुक़दमे चलाकर जेल भेजने का या फिर पेपर की सील खुली थी कहने पर केस दर्ज कराने का?

एक तरफ यहां छात्रों का आन्दोलन शांत होने का नाम नहीं ले रहा है दूसरी तरफ़ मुख्यमंत्री जी करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद अपनी भाजपाई फ़ौज के साथ खुद को बधाई देने का स्वांग रच रहे हैं।

क्या है नकल विरोधी कानून?

  • इस कानून के तहत नक़ल करते हुए पकड़े जाने पर आजीवन कारावास तथा दस करोड़ रुपए तक का जुर्माना है।
  • अगर कोई पेपर लीक करता है या नकल करके पास होता है तो उसपर दस साल का प्रतिबंध है।
  • नक़ल माफियाओं पर भी दस करोड़ का जुर्माना, दस साल की सजा तथा संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान है।
  • एक ऐसा प्रावधान भी है जिसमें पेपरलीक की अफवाह फ़ैलाने वालों पर कार्यवाही करने की बात कही गयी है।

नक़ल विरोधी कानून की हकीकत

अगर हम ये कहें कि ये कानून, छात्रों की आवाज दबाने का एक प्रयास है तो कुछ भी गलत नहीं होगा

क्योंकि इस कानून के तहत जो पहला मुकदमा दर्ज हुआ है वो एक ऐसे छात्र के खिलाफ हुआ है

जिसने आरोप लगाया था कि उसे परीक्षा में सील टूटा खुला हुआ पेपर मिला था

अब ऐसा महसूस हो रहा है कि जो भी व्यक्ति पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाएगा

इस कानून का इस्तेमाल उसी के खिलाफ किया जाएगा।

छात्र आन्दोलन और पट्टाधारी कार्यकर्ताओं की भीड़

शुरू से ही छात्र पेपर लीक मामले की सीबीआई जाँच की मांग उठा रहे हैं, जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं सरकार उनपर कभी झूठे मुक़दमे करवा दे रही है तो कभी लाठीचार्ज करवा दे रही है, इतना कुछ होने के बाद भी गले में पट्टा पहने कार्यकर्त्ता उनकी जय जयकार कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि सरकार अपनी पट्टाधारी फौज की भीड़ दिखाकर छात्रों को डराना चाहती है

आभार रैली का मकसद

आभार रैलियां किसी के कामों से खुश होकर उसका अभिवादन करने के लिए होती हैं, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा महसूस हो रहा है कि धामी सरकार करोड़ो खर्च करके जबरदस्ती अपना धन्यवाद करवा रही है, क्योंकि धाकड़ कहे जाने वाले पुष्कर सिंह धामी जी ने दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के सभी वर्गों को निराश ही किया है, यहां के हर वर्ग को उम्मीद थी कि युवा मुख्यमंत्री इस युवा प्रदेश की जनता खासकर युवाओं के लिए काम करेंगे लेकिन अफ़सोस!

सत्ता के मद में चूर होकर यातायात के नियमों की खिल्ली उड़ाई जा रही है

इस रैली में किस तरह से यातायात के नियमों की खिल्ली उड़ाई जा रही हैं वो नां तो पुलिस प्रशासन को दिख रहा है और नां ही राष्ट्रवाद का चोला ओड़े सत्ताधारियों को, एक चीज समझ नहीं आ रही है कि आखिर बेरोजगारों की ये फ़ौज नजाने किस लालच में अपनी जान खतरे में डाल रही है, लोग बिना हेलमेट तथा एक बाइक में तीन-तीन सवारी बैठकर उनका गुणगान कर रहे हैं जिन्होंने पहले ही पंद्रह – बीस लाख में पेपर लीक कराकर इनका भविष्य हाकम सिंह जैसे ठेकेदारों को बेच दिया है।

मुख्यमंत्री की “आभार रैली” में बेरोजगारों की फ़ौज

आप Thepahad.com को यूट्यूब पर भी देख सकते हैं – लिंकhttps://youtube.com/@ThePahad.Com.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: थोड़ी लिखने की मेहनत भी कर लो, खाली कापी पेस्ट के लेखक बन रहे हो!