Category: महत्वपूर्ण दिवस और रीति-रिवाज
महत्वपूर्ण दिवस और रीति-रिवाज की यह केटेगरी के लेख देश भर की रीतिरिवाजों को केंद्र बिंदु बनाकर लिखे जाएँगे, भारत एक विभिताओं का देश है इसलिए हमने यह केटेगरी बनाई है ताकि एक जगह पर हमें पूरे देश को जानने का मौका मिलेगा,
यह केटेगरी आपको जर्रो पसंद आएगी ऐसा हमको भरोसा है
हम पूरी ईमानदारी के साथ तथा भीना पूर्वग्रह की सोच रखे इस केटेगरी रीति-रिवाज पर लिखने का काम करेंगे
ताकि हमारी वेबसाइट पर आपका भरोसा कायम रहेगा
thepahad.com से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद
The articles of this category of Important Days and Customs
will be written by making the customs of the whole country the focal point, India is a country of diversities, so we have created this category so that at one place we will get a chance to know the whole country,
We are sure that you will like this category
We will do the work of writing on this category with full honesty and thinking without prejudice.
So that your trust on our website will be maintained
Thank you for joining thepahad.com
सोमेश्वर के दीपक भाकुनी करने जा रहे हैं एक शानदार कार्यक्रम
सोमेश्वर के दीपक भाकुनी की शानदार पहल रविवार 24 दिसंबर 2023 को हल्द्वानी के नवाबी रोड स्थित रुद्राक्ष बैंकट हाॅल में एक दिवसीय “कुमाउनी भाषा युवा सम्मेलन व युवा सम्मान समारोह 2023” का आयोजन होना है जिसमें कुमाऊं भर के ऐसे लोगों का जमावड़ा होगा जो अपनी दूधबोली भाषा कुमाउनी तथा कुमाउनी संस्कृति के संरक्षण…
1 सितंबर खटीमा गोलीकांड, जब आन्दोलनकारीयों पर चली थी डेढ़ घंटे तक गोलियां
राज्य आन्दोलन का एक काला अध्याय – 1 सितंबर खटीमा गोलीकांड 1990 के दशक में उत्तरप्रदेश के पर्वतीय आंचल (कुमाऊं और गढ़वाल) को मिलाकर एक प्रथक राज्य बनाने की मांग को लेकर पर्वतीय क्षेत्र के लोगों ने देहरादून, मसूरी, खटीमा, नैनीताल और अल्मोड़ा इत्यादि जगहों पर प्रदर्शन करने शुरू कर दिए।जिसमें नारे लगने लगे “कोंदा-…
स्यालदे बिखोती मेला द्वाराहाट में सबसे विशेष रहा यह झोड़ा।
स्यालदे बिखोती मेला द्वाराहाट अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट में होने वाला स्यालदे-बिखोती का मेला कुमाऊं के सबसे बड़े मेलों में से एक है, इस मेले में चार चांद लगाते हैं कुमाऊनी परंपरागत नृत्य छोलिया व झोड़ा-चाचरी में कदम मिलाते लोगऔर हुड़के की ताल में जोड़ मारते(तंज कसते) बूबू और उनका साथ देते गांव वासियों को…
- 1
- 2