कुमाउनी होली (Kumauni Holi) का शुभारंभ
कुमाऊं क्षेत्र के कई गांवों में एकादशी के दिन चीर बंधन के साथ कुमाउनी होली का शुभारंभ हो चुका है, गांव भर के लोग एक जगह इकट्ठा होकर सबसे पहले चीर बंधन का कार्य करते हैं, पूजा अर्चना के बाद एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हुए होली गाते हैं, क्योंकि गाँव की खूबसूरती इसी में होती है कि यहां के लोग, सभी त्योहारों को मिल-जुलकर मनाते हैं और एक दूसरे का साथ निभाते हैं।
चीर बंधन क्या होता है
चीर अर्थात पवित्र कपड़ा, गाँव के सभी लोग रंग बिरंगे कपड़ों के एक – एक मीटर के टुकड़े लेकर पंडितजी के घर में एकत्रित होते हैं, कपड़ो के उन टुकड़ों को लकड़ी के बने एक डंडे में लगाकर घुमावदार आकार दिया जाता है और उसमें फूल तथा पदम के पत्ते लगाकर उसकी सजावट की जाती है।
अब पूरी होली में इस चीर को गांव भर में घुमाया जाता है और कुमाउनी होली(Kumauni Holi) गायी जाती है तथा लोगों को शुभाशीष दी जाती है
चीर का महत्व
होलियों के दौरान गांव के सभी घरों में चीर को घुमाने के बाद चतुर्दशी की रात को इसका दहन किया जाता है।
दहन के दौरान इसमें लगे कपड़ों को काटकर उनके छोटे-छोटे टुकड़े बनाए जाते हैं।
कहा जाता है कि इन टुकड़ों को अपने पास रखने से छल-छित्र यानी भूत प्रेत और बुरी नजर से खुद को सुरक्षित किया जाता है।
इसीलिए गांव के सभी घरों तक प्रसाद के रूप में चीर के टुकड़े भी दिए जाते हैं ताकि बच्चों के जेब में या बटन के साथ इसे लगाया जा सके।
आप सभी को thepahad.com की तरफ से कुमाउनी होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
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