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मेरा गाँव मेरा जंगल – पर्यावरण संरक्षण को समर्पित एक गांव

पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सोमेश्वर का एक गांव

पर्यावरण संरक्षण को समर्पित है सोमेश्वर का ये गांव

सोमेश्वर के अर्जुनराठ गांव के लोगों ने पर्यावरण संरक्षण की एक शानदार मिसाल पेश की है, आइए जानते हैं क्या है इस गांव की मुहीम – “मेरा गाँव मेरा जंगल

साल 2017 में सोमेश्वर के अर्जुनराठ निवासी मनोज बोरा, नरेंद्र सिंह बोरा और भुपाल बोरा जी ने ग्रामीणों के सम्मुख पर्यावरण संरक्षण हेतु अपने गांव के जंगल में चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष लगाने का प्रस्ताव रखा, यह प्रस्ताव अर्जुनराठ के सभी ग्रामीणों को पसंद आया और सभी ने मिलजुल कर 5 जून 2017 को वृक्षारोपण की एक शुरुआत की, ग्रामीणों ने मिलकर बांज, उतीस, काफल, क्वैराल इत्यादि के लगभग 2000 पेड़ लगाएं और उसके बाद प्रण लिया कि हर साल वे लोग कम से कम 500 पेड़ लगाएंगे और साल भर इन पेड़ों की देखभाल करेंगे।

इस पूरी मुहीम को उन्होंने नाम दिया “मेरा गाँव मेरा जंगल” पिछले 6 सालों से वे लगातार अपने गांव के जंगल में पौधारोपण कर रहे हैं, शुरुआत में उन्होंने कुछ पौधे वन विभाग से लिए लेकिन बाद में इस मुहिम को और खूबसूरत बनाने के लिए सभी ग्रामीणों ने अपने सामर्थ्य अनुसार पैसा इकट्ठा कर प्राइवेट नर्सरी से पौधे खरीद कर अच्छी किस्म के पौधे लगाने शुरू कर दिए।

अभी तक अर्जुनराठ के ग्रामीणों ने 7000 से ज्यादा चौड़ी पत्ती वाले पौधे अपने जंगल में लगा दिए हैं जिनमें से लगभग 80% पौधे सुरक्षित हैं, इनके द्वारा लगाए गए कुछ पौधे 12 फिट से बड़े हो चुके हैं।

जानिए “मेरा गाँव मेरा जंगल” की टीम ने क्या कहा

हमने जब मेरा गांव मेरा जंगल की टीम के सदस्यों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि नदियों में घटते जलस्तर, बढ़ते तापमान पिघलते ग्लेशियरों को देखकर उन्हें यह प्रेरणा मिली, उन्होंने कहा कि हम जंगल में फलदार पौधे भी लगा रहे हैं जिससे आने वाले समय में बंदरों की समस्या से निजात पाया जा सकता है, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले 15 सालों तक वे इसी प्रकार इस जंगल में पौधारोपण करते रहेंगे।

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एकता का शानदार उदाहरण पेश करते ग्रामीण

अर्जुनराठ गांव की एकता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है, उनके इस वृक्षारोपण अभियान में गांव के हर वर्ग, हर उम्र के लोग शामिल है। बच्चे, जवान, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष इस कार्य में तन मन और धन से पूरा सहयोग करते हैं।

हम पर्यावरण संरक्षण को समर्पित “मेरा गांव मेरा जंगल” की पूरी टीम को इस नेक कार्य के लिए बधाई देते हैं और सलाम करते हैं। जय हिन्द

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