बौज्यू को समर्पित कुमाऊनी गीत
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बौज्यू – पिता को समर्पित कुमाऊनी गीत सुनकर भावुक हुए लोग।
वैसे तो उत्तराखंड में आए दिन कुमाऊँनी गाने रीलिज होते रहते हैं, गानों का पैटर्न या तो गढ़वाली लोकगायक श्री नरेंद्र सिंह नेगी और दिवंगत कुमाऊनी लोकगायक स्व श्री गोपाल बाबू गोस्वामी जी के गानों को तोड़ मरोड़कर बनाना, या फिर डांस वाले गानों के नाम पर डीजे तथा फूहड़ता भरा बनाना ही रह गया है। लेकिन ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं जोकि खुद की लेखनी और अपनी एक अलग किस्म की छाप छोड़ने के लिए काम कर रहे हैं जिसमें सोमेश्वर घाटी नामक यूट्यूब चैनल भी अपने क्षेत्र के गायकों के साथ मिलकर विलुप्त होती कुमाऊँनी रीति रिवाजों व माता-पिता जैसे पवित्र रिश्तों पर मार्मिक गीत बनाकर अपनी भागीदारी निभा रहा है।
पिता को समर्पित यह गीत सोमेश्वर घाटी यूट्यूब चैनल पर रीलिज किया गया है।
हाल ही में सोमेश्वर घाटी नामक यूट्यूब चैनल पर पिता को समर्पित कुमाऊनी गीत रीलिज किया गया है जिसका टाइटल है Bojyu Dedicated to Father ॥ बौज्यू ॥
जिसपर बहुत ज्यादा व्यूज तो नहीं हैं पर जो भी उस गाने को सुन रहा है वह पिता-पुत्र के रिश्ते को लेकर भावुक हो जा रहा है, गाने का म्यूजिक, उसके लिरिकस और बनाई गई वीडियो बहुत ही भावुक कर देने वाली है।
इस गाने को सोमेश्वर घाटी चैनल के बैनर तले बनाया गया है, सुनील सिंह कैड़ा जी ने इसे अपनी खूबसूरत आवाज से गाया है तथा इसके लिरिकस भी उन्ही के सौजन्य से तैयार किए गए हैं।
गाने का हिन्दी अनुवाद है –
हाथ पकड़ के मेरा चलना सिखाया।
पिताजी आपने ये दुनिया दिखाई।।
बाग-बकरी(पारंपरिक खेल) का खेल सिखाया।
कंधे में बिठाकर मुझे मेला घुमाया।।
1-वर्षा की बारिश हो या,ग्रीष्म की तेज धूप हो।
ध्यान रखते हो सभी का तुम,
करते हो सम्मान ।।
हाथ में छाले पड़ जाते हैं करते हो इतना काम।
खुद कि कोई चिंता किये बिना रखते हो हमारा ध्यान।।
हाथ कलम थाम के लिखना सिखाया।
कापी मैं अ आ क ख तुमने पढ़ाया।।
हाथ पकड़ के मेरा चलना सिखाया।
पिताजी आपने ये दुनिया दिखाई।।
2-तुम सुनाते थे पारंपरिक कथा।
हर रोज आधी- आधी रातों में।
चंपावत के गोलू देवता।
वीर हरू हित राजा का राज।।
नंदा देवी राजजात यात्रा।
तीलू रौतेली की कथा।।
राजुला मालुशाही प्रेम की अमर कथा।।
तीज त्यौहार और संस्कार सब तुमने सिखाया।
दान पुण्य और सारा धर्म बताया।।
हाथ पकड़ के मेरा चलना सिखाया।
पिताजी आपने ये दुनिया दिखाई।।
3-बिना तुम्हारे कुछ भी नहीं है मेरा ।
तुम मेरे प्राण हो।।
तुमसे ही नाम है मेरा।
तुम हो मेरी पहचान।।
प्यार में कितना करता हूं।
ये आपको जता नहीं पाता।
मन करता है आपके गले लगकर रखूं आपका ध्यान।।
पिता जी कभी भी मैं ये कह नहीं पाया।
प्यार बहुत करता हूं आपसे बस कभी जता नहीं पाया।।
हाथ पकड़ के मेरा चलना सिखाया।
पिताजी आपने ये दुनिया दिखाई।।
ये हैं इस गाने के स्पांसर
आडियो स्पांसर हैं प्रेरित सिद्धार्थ जी, उन्होंने अपने परम पूज्य पिताजी की स्मृति में इस गाने के आडियो के लिए सहयोग किया है।
तथा वीडियो स्पांसर हैं अनिल सिंह राणा जी (नमन इलैक्ट्रानिक एवं इलैक्ट्रिकलस सोमेश्वर) इस गाने की वीडियो में लिए उन्होंने भरपूर सहयोग किया है।
सोमेश्वर घाटी परिवार के सभी सदस्यों ने बड़े प्रेम भाव से इस गाने को बनाने में अपना योगदान दिया है, विशेष रूप से अनिल भट्ट जी ने इसमें अभिनय के साथ-साथ पूरा प्रोडक्शन का काम संभाला है।
गाने की पूरी टीम 👉
कलाकार हैं – मोहन बोरा , अनिल भट्ट , नेहा खर्कवाल घनश्याम मिश्रा।
बाल कलाकार हैं – आयुश गोस्वामी , निधि, सौरभ
कैमरा व ड्रोन संचालन – अमन भारती।
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