सोमेश्वर घाटी का ऐतिहासिक शिवलिंग
भगवान शिव को समर्पित सोमेश्वर के सोमनाथ महादेव मंदिर के बारे में जानने के लिए हम मंदिर परिसर में गए और वहां आधे कटे हुए शिवलिंग को देखकर मन में कई सवाल खड़े हो गए कि आखिर यहां खंडित शिवलिंग आखिर क्यों रखा है, इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने की कवायत में वहीं के स्थानीय लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि जब मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद गजनबी , अलाउदीन खिलजी , औरंगजेब ने पूरे देश के सोमनाथ मंदिरों पर आक्रमण करवा रहा थे तथा मूर्तियों को खंडित कर रहे थे उसी दौरान उसके सैनिक सोमेश्वर घाटी के सोमनाथ महादेव मंदिर में भी आए तथा यहां स्थित प्रसिद्ध बाड़ेश्वर महादेव के शिवलिंग ( जिसमें 33 कोटी देवताओं के चित्र बने हुए हैं ) के एक हिस्से को काटकर अपने साथ ले गए जबकि दूसरा हिस्सा आज भी मंदिर में मौजूद है तथा लोग उसकी पूजा करते हैं।
निर्माण
सोमनाथ महादेव जी के मुख्य मंदिर के साथ लगा हुआ यह मंदिर बाड़ेश्वर मंदिर कहलाता है तथा इसके साथ भैरवनाथ जी और क्षेत्रपाल जी का मंदिर भी है ये सभी मंदिर 10वीं से 12वीं सताब्दी के आसपास चंद वंश के राजा सोम चंद द्वारा बनवाए गए थे, यहाँ के मंदिरों की बनावट में उस दौर की शानदार शिल्पकला को महशूस किया जा सकता है
आपको बता दें कि वर्तमान में यह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है
भक्ति
शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां देश भर से आए भक्तों का तांता लगा रहता है जबकि स्थानीय लोग यहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना करते है, हम आशा करते हैं कि पुरातत्व विभाग ऐसे ऐतिहासिक देवस्थलों को संरक्षण देते रहेंगे भक्ति
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