कुमाऊँ का गौरव: “अल्मोड़ा अखबार”
अल्मोड़ा अख़बार ने महिलाओं की शिक्षा और अधिकारों पर जोर दिया, कुरीतियों का विरोध कर समाज में व्याप्त अंधविश्वास, छुआछूत, और जातिवाद के खिलाफ अनेकों लेख प्रकाशित किए,
अल्मोड़ा अख़बार ने महिलाओं की शिक्षा और अधिकारों पर जोर दिया, कुरीतियों का विरोध कर समाज में व्याप्त अंधविश्वास, छुआछूत, और जातिवाद के खिलाफ अनेकों लेख प्रकाशित किए,
वाणी मांगल ग्रुप अल्मोड़ा समय के साथ-साथ हमारे उत्तराखंड की संस्कृति और रीति रिवाजों में भी काफी बदलाव देखने को मिल रहा है, जैसे पहले शादी-ब्याह, नामकरण जनेऊ इत्यादि शुभ कार्यों की शुरुआत शगुन आखर गाकर किया जाता था, मार्कंडेय भगवान की पूजा और हल्दी लगाकर शुभ कामों की शुरुआत की जाती थी, दमू-नगारे बजाकर…